राजनीति में महिलाएं आ रही हैं आगे
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बिहार भले ही भारत के पिछड़े राज्यों में से एक है लेकिन जहां तक महिला राजनीतिक प्रतिनिधित्व का सवाल है बिहार की स्थिति देश के अन्य कई राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है।
104 मिलियन की आबादी वाले इस राज्य में 34 महिला विधायक हैं ( उत्तरप्रदेश में महिला विधायको की संख्या 35 है )। महिलाओं की प्रतिनिधित्व के मामले में यह आंकड़े भारत के राज्य विधानसभाओं की इतिहास में सर्वोच्च में से एक होने के साथ राज्य के इतिहास में भी उच्चतम है। इंडियास्पेंड एवं GenderinPolitics के निर्वाचन संबंधी आंकड़ों के विशलेषण के अनुसार यदि अनुपात की दृष्टि से देखा जाए तो बिहार की राज्य विधानसभा में 14 फीसदी महिलाएं है। इस संबंध 14.4 फीसदी के साथ सबसे पहला स्थान हरियाणा का है।
बिहार में चुनाव होने में कुछ महीने ही शेष रह गए हैं और ऐसे में सबकी नज़र बिहार के बड़े राजनीतिक मंच पर टिकी हुई है। इंडियास्पेंड ने पहले ही अपनी खास रिपोर्ट में बताया है कि किस प्रकार बिहार नीतिश कुमार के नेतृत्व में विकास की राह पर तो है लेकिन अब भी देश के गरीब राज्यों में से एक है। 28 मिलियन निरक्षर महिलाओं के साथ बिहार में महिला साक्षरता दर ( 53 फीसदी ) एवं रोज़गार के मामले में सबसे निचले स्तर पर है। बिहार में पुरुष श्रमिक दर की तुलना में महिला श्रमिकों की भागीदारी दर 62 प्रतिशत अंक नीचे है।
बिहार की जाति, धर्म और पार्टी के प्रति रुझान के गणित के बीच महिला वोटर्स आज भी ज़्यादातर सियासत में परंपरागत और मौन किरदार निभाती आ रही है, ये है हाल तब है जबि उनकी सियासी भागीदारी बढ़ी है और उनकी तादात भी कुल मकदाताओं की करीब आधी है।
आमतौर पर राजनीतिक महिला प्रतिनिधि, चाहे सांसद हो या विधायक या फिर पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व करने वाली, अधिकतर मामलों में यह फुटनोट पर ही नज़र आती हैं। अक्सर महिला प्रतिनिधियों की डोर उनके किसी पुरुष रिश्तेदार या साथी के हाथों में ही देखी गई है। फिर भी इसमें कोई दो मत नहीं कि बिहार में महिला प्रतिनिधि की संख्या में वृद्धि हुई है।
यह हमारे खास श्रृंखला का पहला लेख है जिसमें हम आंकड़ों पर आधारित विश्लेषण के माध्यम से बिहार की महिला विधायकों के संबंध में चर्चा करेंगे।
राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के परस्पर विरोधी रुझान
वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में 34 महिला विधायकों कानिर्वाचन करने में बिहार को करीब आधी सदी का वक्त लगा है।
बिहार का इतिहास गवाह है कि राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के परस्पर विरोधी रुझान देखने को मिलते रहे हैं।
वर्ष 1957 में दूसरे विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में 11.4 फीसदी महिला विधायक निर्वाचित की गई थी। मौजूदा विधानसभा में निर्वाचित महिला विधायकों की संख्या के बाद यह आंकड़ा अब तक के दूसरा सबसे अधिक है। दूसरे विधानसभा चुनाव के दस वर्षों के भीतर महिलाओं की प्रतिनिधित्व में 1.9 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई एवं अगले चार दशकों तक 5 फीसदी के नीचे ही रहा है।
बिहार में महिला विधायक, 1951-2010
Women MLAs In Bihar: 1951-2010 | |||
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Year | Total Seats | Seats won by Women | Women MLAs in % |
1951 | 276 | 13 | 4.7 |
1957 | 264 | 30 | 11.4 |
1962 | 318 | 25 | 7.9 |
1967 | 318 | 6 | 1.9 |
1969 | 318 | 4 | 1.3 |
1972 | 318 | 13 | 4.1 |
1977 | 324 | 13 | 4.0 |
1980 | 324 | 11 | 3.4 |
1985 | 324 | 15 | 4.6 |
1990 | 324 | 10 | 3.1 |
1995 | 324 | 11 | 3.4 |
2000 | 324 | 19 | 5.9 |
2005 (February) | 243 | 3 | 1.2 |
2005 (October) | 243 | 25 | 10.3 |
2010 | 243 | 34 | 14.0 |
Source: Election Commission of India
बिहार में महिला प्रतिनिधित्व के मामले में वर्ष 2005 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है। 45 वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर से महिलाओं की प्रतिनिधित्व 10 फीसदी दर्ज की गई,वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इन आंकड़ों में 31.5 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
बिहार राज्य के दो टुकड़ों ( बिहार एवं झारखंड ) में विभाजित होने के बाद 2005 में हुए दूसरे चुनाव के दौरान ( फरवरी एवं अक्टूबर 2005 में दो चुनाव हुए थे ) राज्य विधानसभा में महिलाओं की संख्या 10.3 फीसदी दर्ज की गई थी।
राजनीतिक नेतृत्व में तेजी से आगे रही हैं महिलाएं
क्या कारण है कि वर्ष 2000 चुनावों के बाद से महिला विधायकों की संख्या में वृद्धि हुई है?
एक स्पष्ट कारण यह है कि चुनावी लड़ाई में महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। चुनाव होने वालो निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि होना दूसरा कारण माना जा सकता है। वर्ष 1995 में 52.5 फीसदी निर्वाचन क्षेत्रों से महिलाओं ने चुनाव लड़ा था जोकि वर्ष 2000 में गिरकर 42 फीसदी दर्ज किया गया जबकि वर्ष 2005 में इसमें मामूली वृद्धि, 43 फीसदी देखी गई थी।
हालांकि वर्ष 2010 में 74 फीसदी निर्वाचन क्षेत्रों से महिलाएं ने चुनाव लड़ा था।
बिहार में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
Increasing Women’s Participation in Bihar | ||||
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Year | Total Seats | Total women contestants | Number of Seats contested | % of seats contested |
1957 | 264 | 46 | 43 | 16.3 |
1962 | 318 | 46 | 45 | 14.2 |
1967 | 318 | 29 | 26 | 8.2 |
1969 | 318 | 45 | 42 | 13.2 |
1977 | 324 | 96 | 85 | 26.2 |
1980 | 324 | 77 | 71 | 21.9 |
1985 | 324 | 324 | 85 | 26.2 |
1990 | 324 | 147 | 114 | 35.2 |
1995 | 324 | 263 | 170 | 52.5 |
2000 | 324 | 189 | 136 | 42 |
2005(1) | 243 | 26 | 17 | 7 |
2005(2) | 243 | 138 | 106 | 43.6 |
2010 | 243 | 307 | 182 | 74.9 |
Source: Election Commission of India
तो क्या इसका यह अर्थ हुआ कि चुनाव में महिला प्रयितोगियों की संख्या में वृद्धि होने से महिला विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है?
आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि वर्ष 2000 के मुकाबले 2005 के चुनावों में महिलाओं द्वारा सीटों पर लड़ने एवं उनकी जीत दर में वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में महिला प्रतियोंगियों की जीत दर 14 फीसदी थी जबकि 2005 में यह बढ़ कर 23 फीसदी हुई है। जबकि वर्ष 2010 में यह गिरकर 18.7 फीसदी दर्ज की गई है।
बिहार विधानसभा में महिला प्रतियोगी: जीत दर
Women Contestants in Bihar Assembly Elections: Win Rate | |||
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Year | Seats contested | Seats won | Win % |
1957 | 43 | 30 | 69.8 |
1962 | 45 | 25 | 55.6 |
1967 | 26 | 6 | 23.1 |
1969 | 42 | 4 | 9.5 |
1977 | 85 | 13 | 15.3 |
1980 | 71 | 11 | 15.5 |
1985 | 85 | 15 | 17.6 |
1990 | 114 | 10 | 8.8 |
1995 | 170 | 11 | 6.5 |
2000 | 136 | 19 | 14 |
2005(1) | 17 | 3 | 17.6 |
2005(2) | 106 | 25 | 23.6 |
2010 | 182 | 34 | 18.7 |
Source: Election Commission of India
बिहार में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि का एक कारण पंचायत में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण हो सकता है।
वर्ष 2006 में आरक्षण लागू करने वाला बिहार पहला राज्य था और शायद इससे राजनीति में अधिक भागीदारी के लिए एक अनुकूल माहौल पैदा हुआ है।
इससे पहले पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित थीं। इसके बाद कई राज्य जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा , राजस्थान, केरल और कर्नाटक ने भी यह नियम लागू किया।
सबसे लोकप्रिय महिला विधायक एवं उनका गढ़
पिछले 59 वर्षों में बिहार विधानसभा में 180 महिलाओं को निर्वाचित किया गया है : 52 महिलएं विधायक के रुप में एक बार से अधिक चुनी गई हैं।
उमा देवी पांडे ( आईएनसी ) कोबनियापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए जनता ने कई बार विधायक के रुप में चुना है। 11 अन्य महिलाओं को विधानसभा में तीन या इससे भी अधिक बार निर्वाचित किया गया है।
बिहार की लोकप्रिय महिला विधायक
Bihar’s Most-Popular Female MLAs | |||
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Name | Constituency | No of times | Years |
Uma Devi Pandey | Baniapur | 5 | 1957, 1962, 1967, 1980, 1985 |
Sudha Srivastava | Nathnagar | 4 | 1977, 1990, 2000, 2005 |
Rajkumari Devi | Hisua | 4 | 1957, 1962, 1980 |
Bhagwati Devi | Barachatti | 4 | 1969, 1977, 1995, 2000 |
Gayatri Devi | Gobindpur | 3 | 1980, 1985, 1990, 2000 |
Sushila Kerketta | Khunti ( now Jharkhand) | 3 | 1985, 1990, 1995 |
Renu Devi | Bettiah | 3 | 2000, 2005, 2010 |
Prabhawati Gupta | Kesariya, Motihari | 3 | 1957, 1977, 1980 |
Guddi Devi | Runsaidpur | 3 | 2005, 2010 |
Bima Bharati | Rupauli | 3 | 2000, 2005, 2010 |
Bhagirathi Devi | Shikarpur, Ramnagar | 3 | 2000, 2005, 2010 |
Source: Election Commission of India
लेख के अगले भाग में हम बिहार विधानसभा की मौजूदा महिला विधायकों के संबंध पर चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि क्या इन महिला विधायकों की डोर सच में उनके पुरुष रिश्तेदार या साथी के हाथों में है ?
( यह लेख GenderinPoliticsएवं इंडियास्पेंड के सहकार्य से प्रस्तुत की गई है। GenderinPoliticsएक परियोजना है जो भारत की राजनीति एवं शासन में महिलाओं की भूमिका पर नज़र रखती है। भानुप्रिया राव GenderinPoliticsके सह निर्माता हैं एवं तिवारी इंडियास्पेंड के साथ नीति विश्लेषक हैं )
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 5 सितंबर 15 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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