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15 अक्टूबर, 2016 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक धार्मिक जुलूस के दौरान मची भगदड़ में 25 लोगों की मौत हुई। 2001 से 2014 के बीच, बड़े समारोहों में भगदड़ की 3126 घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 2,421 लोगों की जान चली गई।

वर्ष 2001 के बाद से, औसत रुप से हर महीने 19 भगदड़ की घटनाएं हुई हैं और इन घटनाओं में औसत 14 लोगों की मौत हुई हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में सामने आई है। डाटा-पत्रकारिता पोर्टल Factly.in द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2001 से 2014 के बीच बड़े समारोहों में 3,126 भगदड़ की घटनाएं हुई । इन घटनाओं में 2,421 लोगों की जान चली गई।

15 अक्टूबर, 2016 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और चंदौली के बीच राजघाट पुल पर एक धार्मिक जुलूस के दौरान भगदड़ मची थी। इस घटना में 20 महिलाओं सहित 25 लोगों की मौत हुई है। जुलाई 2015 में आंध्र प्रदेश में गोदावरी पुशकरलु के दौरान मची भगदड़ में 27 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। ज्यादातर लोग मची भगदड़ में कुचले जाने के कारण मारे गए। गोदावरी पुशकरलु एक त्योहार है, जहां नदी की पूजा की जाती है और बाद में भक्त नदी में स्नान करते हैं।

वर्ष 2009 में भगदड़ की घटनाएं ज्यादा, ज्यादातर मौतें वर्ष 2011 में

अपने देश में भगदड़ की सबसे ज्यादा घटनाएं वर्ष 2009 में हुई हैं। 2009 में 1,532 भगदड़ मचीं। हालांकि भगदड़ में सबसे अधिक मौतें वर्ष 2011 में हुई हैं। वर्ष 2011 में ऐसी घटनाओं में 489 लोगों की जान चली गई। इस मामले में वर्ष 2006 को हम ठीक मान सकते हैं, फिर भी इस वर्ष भी 18 लोगों की जानें तो गई ही।

वर्ष 2011 में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में से प्रत्येक तीन राज्यों में 100 से अधिक लोगों ने भगदड़ में जान गवाई है। पहले सात वर्ष (2001-07) में होने वाली मौतों की तुलना में पिछले सात वर्षों के दौरान (2008 से 2014) प्रति वर्ष तीन गुना ज्यादा लोगों ने भगदड़ों में अपनी जिंदगी खोई है।

भगदड़ के कारण होने वाली घटनाएं और मौतें, 2001-14

Source: National Crime Records Bureau

सामान्य तौर पर वर्ष 2005 को छोड़ कर, भगदड़ की घटनाओं में पुरुषों की मौत ज्यादा हुई है। वर्ष 2005 में भगदड़ में होने वाली सभी मौतों में पुरुषों की संख्या 146 थी, जबकि 200 महिलाओं की जान गई थी।

लिंग के अनुसार भगदड़ के कारण होने वाली मौतें

Source: National Crime Records Bureau

भगदड़ से होने वाली सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र में

वर्ष 2001 से 2014 के दौरान, भगदड़ के कारण होने वाली मौतों में सबसे आगे महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र के लिए यह आंकड़ा 368 का है। मौत के 359 संख्या के साथ आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर, 231 की संख्या के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर पर, 216 मौत के साथ चौथे नंबर पर राजस्थान रहा है। वहीं 213 मौत के साथ पांचवे स्थान पर मध्य प्रदेश रहा है। इस अवधि के दौरान 11 राज्यों में 100 से अधिक लोगों ने जान गवाई है।

भगदड़ से होने वाली मौतों में महाराष्ट्र ऊपर

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Source: National Crime Records Bureau

भगदड़ की प्रमुख घटनाएं

महाराष्ट्र (वर्ष 2005): महाराष्ट्र के सतारा जिले में जनवरी 2005 में मंधेर देवी मंदिर भगदड़ मची थी। इस घटना में 300 से अधिक लोगों की जान चली गई।

राजस्थान (वर्ष 2008): राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में सितंबर 2008 में भगदड़ मची थी। इस घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

हिमाचल प्रदेश (वर्ष 2008): अगस्त 2008 में, हिमाचल प्रदेश में नैना देवी मंदिर में भगदड़ मची थी। इस घटना में 100 से अधिक लोगों की जान गई थी।

केरल (वर्ष 2011): केरल के सबरीमाला में जनवरी 2011 में भगदड़ मची थी। इस घटना में भी 100 से अधिक लोगों की जान गई।

मध्य प्रदेश (2013): मध्य प्रदेश में रतनगढ़ माता मंदिर के पास नवरात्री के दौरान भगदड़ की घटना हुई। इसमें 100 से अधिक लोगों की जान गई थी।

भगदड़ की प्रमुख घटनाएं

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(दुब्बदु एक दशक से सूचना के अधिकार से संबंधित मुद्दों पर काम कर रहे है और Factly.in के साथ जुड़े हैं। Factly.in सार्वजनिक डेटा को सार्थक बनाने के लिए समर्पित है।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 19 अक्तूबर 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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