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नई दिल्ली में आयकर रिटर्न जमा करने से पहले फॉर्म भरते कर दाता। 2014-15 में 3.6 करोड़ से अधिक भारतीयों ने लगभग 144 बिलियन डॉलर वेतन आय के रूप घोषित किया है। 82 बिलियन डॉलर व्यवसाय आय से और 35 बिलियन डॉलर अन्य स्रोतों से प्राप्त आय के रूप में दर्ज किया गया है

आकलन वर्ष 2014-15 के लिए एक अनाम करदाता पर सरकार का 21,870 करोड़ रुपए बकाया है जो कि सभी भारतीयों द्वारा भुगतान किए जाने वाले आयकर का 11 फीसदी है। यह जानकारी आयकर विभाग की ओर से उपलब्ध, वर्ष 2016 के नवीनतम आंकड़ों में सामने आई है।

वर्ष 2014-15 में, तीन व्यक्तिगत करदाताओं के द्वारा 500 करोड़ रुपए से अधिक की कारोबारी आय की घोषणा की गई है, जबकि दो व्यक्तिगत करदाताओं वर्ष 2013-14 के लिए ने 500 करोड़ रुपए से अधिक की लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ की घोषणा की है । इन करदाताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

विचार मंच ‘ऑक्सफेम इंडिया’ द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, देश के समृद्ध 1 फीसदी लोगों के पास भारत की करीब 58 फीसदी संपदा है। यही नहीं 57 अरबपतियों के पास देश के 70 फीसदी गरीबों के बराबर संपदा है। अमरीका की बात की जाए तो वहां 1 फीसदी लोगों के पास देश की 19 फीसदी आय है, जबकि वह कुल टैक्स में 38 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। हालांकि भारत सरकार की ओर से ऐसे आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं, जिससे पता चलता हो कि कितने लोगों की आय में कितनी हिस्सेदारी है और वे कितना टैक्स चुकाते हैं।

ऑक्सफैम की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2015 में दुनिया के 62 सबसे समृद्ध लोगों के पास करीब 50 फीसदी गरीबों के बराबर संपत्ति है। 2010 में 388 अरबपतियों के पास करीब 50 फीसदी गरीबों के बराबर संपत्ति थी। वर्ष 2015 में ये आंकड़े कम होकर 62 हुए हैं।

वर्ष 2015 में, 62 लोगों का धन दुनिया की आधी गरीब आबादी के बराबर

Source: Oxfam

भारत में 2013-14 में 3 करोड़ 65 लाख व्यक्तिगत करदाताओं ने 16.5 लाख करोड़ रुपए की टैक्सेबल इनकम घोषित की थी। इन करदाताओं ने कुल 1.91 लाख करोड़ का टैक्स अदा किया।

व्यक्तिगत करदाता, देय कर

2014-15 की बात करें तो इस साल 3 करोड़ 60 लाख टैक्सपेयर्स ने 9.8 लाख करोड़ की आय घोषित की थी। यह देश की कुल आय 134.2 लाख करोड़ रुपए के सकल राष्ट्रीय आय का 7 फीसदी था। इसके अलावा 5.6 लाख करोड़ रुपए व्यवसाय से आय और अन्य स्रोतों से 2.4 लाख करोड़ रुपए की आय की घोषणा की गई।

1,50,000 रुपए सालाना आय से नीचे के स्तर में 43,964 करोड़ रुपए कर के रूप में देय था, जबकि 550,000-950,000 रुपये के टैक्स स्लैब में 17,926 करोड़ रुपए का कर देय था।

आकलन वर्ष 2014-15 में व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ), कंपनियों और अन्य संस्थाओं की कर देनदारी 446719 करोड़ रुपये, जो पिछले साल से 13 फीसदी ज्यादा थी।

वित्त वर्ष 2014-15 में आयकर रिटर्न के अनुसार देश के 64 करदाताओं पर 500 करोड़ से अधिक देने थे। देश के इन 64 करदाताओं पर कुल मिलाकर 1,13,068 करोड़ का टैक्स देना था। ये राशि कुल टैक्स की 25 फीसदी है। आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आय कर के संग्रह (प्रतिभूति लेन-देन कर सहित) में नौ गुना वृद्धि हुई है। ये आंकड़े 2000-01 में 31,764 करोड़ रुपए से बढ़ कर 2015-16 में 2.9 लाख करोड़ रुपए हुए हैं।

प्रत्यक्ष कर संग्रह, 2000-01 से 2015-16

Source: Income Tax Department; *Provisional; #including securities transaction tax

वर्ष 2015-16 में एकत्र किए गए सभी प्रत्यक्ष करों में से दो राज्य महाराष्ट्र और दिल्ली की 53 फीसदी की हिस्सेदारी है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने मई 2016 में बताया है।

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 24 जनवरी 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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