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इंडियास्पेंड के #Breathe वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरणों के द्वारा उत्पन्न पीएम 2.5 आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार पिछले सप्ताह की तुलना में (25 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2015) जनवरी के पहले सप्ताह (1 से 7 जनवरी, 2016) में, दिल्ली के वायु प्रदूषण स्तर में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। गौर हो कि महीने के पहले सप्ताह में राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण कम करने के लिए सम-विषम योजना की पहल की गई है।

पीएम 2.5 में वृद्धि, नीति परिवर्तन के गहरे प्रभाव को समझने की आवश्यकता (जैसे की दिल्ली की वायु के सम-विषम उपाय) की ओर इशारा करता है।

अतिरिक्त कारक जैसे कि तापमान, हवा की गति और बढ़ती नमी वायु प्रदूषण स्तर में वृद्धि के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए हो सकता है कि प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई सम-विषम योजना की पहल पर्याप्त न हो।

इंडियास्पेंड ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर की वायु को स्वच्छ बनाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पड़ेंगें। इनमें पुराने ऊर्जा संयंत्रों को बंद या उन्नयन करना, ट्रकों एवं दो पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाना (सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार), निर्माण कार्य एवं सड़कों की धूल को रोकना शामिल हैं।

इंडियास्पेंड का विश्लेषण पूरी दिल्ली में लगे (सर्वोदय एन्क्लेव, इंडिया हैबिटेट सेंटर, मुनिरका, निजामुद्दीन पूर्व, कनॉट प्लेस और चाणक्यपुरी) छह #Breathe उपकरणों द्वारा दर्ज की गई साप्ताहिक औसत आंकड़ों पर आधारित है।

दूसरे सप्ताह के दौरान दिल्ली की वायु का औसत पीएम 2.5 प्रति घन मीटर 361.3 माइक्रोग्राम (माइक्रोग्राम/घन मीटर) था जो कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (सीपीसीबी) के दिशा निर्देशों के अनुसार ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस तरह की हवा लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

सम-विषम फॉर्मूला लागू होने के पूर्व पहले सप्ताह के दौरान (25 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2015) दिल्ली की वायु का पीएम 2.5 240.1 माइक्रोग्राम/घन मीटर के साथ काफी कम था।

सम-विषम फॉर्मूला के पहले सप्ताह एवं पूर्व सप्ताह में दिल्ली का औसत पीएम 2.5

वायु में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोमीटर के व्यास के कणिका तत्व को पीएम 2.5 कहा जाता है एवं इसे मनुष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा करने के रुप में जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार पीएम 2.5 का माप से वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य जोखिम के स्तर बेहतर तरीके से जाना जा सकता है। औसतन, दूसरे सप्ताह के हर दिन दैनिक पीएम 2.5 एकाग्रता का स्तर 250 माइक्रोग्राम/घन मीटर से ऊपर दर्ज किया गया है जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी के अंदर आता है। सम-विषम फॉर्मूला के पहले सप्ताह एवं पूर्व सप्ताह में दिल्ली में पीएम 2.5 का दैनिक औसत

पहले सप्ताह में औसत दैनिक पीएम 2.5, तीन दिन ‘गंभीर’ दर्ज किया गया है जबकि अन्य चार दिनों में 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता (151-250 माइक्रोग्राम/घन मीटर) दर्ज किया गया है। यह लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से सांस से जुड़ी गंभी बिमारियां हो सकती हैं।

पहले सप्ताह की तुलना में दूसरे सप्ताह पीएम 2.5 में वृद्धि, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और वायु गुणवत्ता और मौसम की भविष्यवाणी और अनुसंधान प्रणाली (सफ़र), एक संस्था, के सेंसर द्वारा जारी आंकड़ों में भी देखा जा सकता है।

इसे उदाहरण देकर स्पष्ट करने के लिए, हमने कनॉट प्लेस में लगी हमारे #Breathe सेंसर द्वारा उत्पन्न औसत दैनिक पीएम 2.5 की तुलना उसी लाके में डीपीसीसी द्वारा स्थापित सेंसर द्वारा उत्पन्न आंकड़ों से की है।

औसत दैनिक पीएम 2.5

Source: DPPCC (accessed from NAQI website); #Breathe

दूसरे सप्ताह के दौरान, पीएम 10 (2.5-10 माइक्रोन व्यास के बीच के कण) सात दिन 'गंभीर' एवं एक दिन 'बहुत खराब' दर्ज किया गया है।

सम-विषम फॉर्मूला के पहले सप्ताह एवं पूर्व सप्ताह में दिल्ली में पीएम 10 का दैनिक औसत

पहले सप्ताह के दौरान, वायु गुणवत्ता एक भी दिन 'गंभीर' श्रेणी की दर्ज नहीं की गई है। जबकि हमारे सेंसर द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तीन दिन वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' एवं चार दिन 'खराब' (91-150 ग्राम/घन मीटर के बीच पीएम 2.5) दर्ज किया गया है। 'खराब' श्रेणी की वायु में अधिक समय तक रहने से सांस की गंभी बिमारियां हो सकती हैं।

सम-विषम फॉर्मूला का क्या रहा सुबह एवं शाम की भीड़ के दौरान प्रभाव?

पहले सप्ताह के दौरान, सोमवार को सुबह 9 से 10 बजे के बीच, चाणक्यपुरी में लगे हमारे सेंसर द्वारा पीएम 2.5 स्तर का प्रति घंटा औसत 283 माइक्रोग्राम/घन मीटर दर्ज किया गया है। दूसरे सप्ताह के दौरान, सोमवार को इसी समय के दौरान, सम-विषम फॉर्मूला लागू होने के बाद पीएम 2.5 का स्तर 60 फीसदी बढ़ कर 450 माइक्रोग्राम/घन मीटर दर्ज किया गया है।

पहले सप्ताह की तुलना में दूसरे सप्ताह, शाम के 6 से 7 के बीच, पीएम 2.5 स्तर का प्रति घंटा औसत दोगुना दर्ज की गई है।

जैसा कि हमने कहा वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए अन्य कारक जैसे कि तापमान,हवा की गति और बढ़ती नमी भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं। नीचे दिए गए ग्राफ से स्पष्ट होता है कि किस प्रकार हवा की गति और आर्द्रता, दिए गए समय के दौरान विविध रहे हैं।

दिल्ली में औसत दैनिक हवा की गति

दिल्ली में औसत दैनिक आर्द्रता

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 8 जनवरी 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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