सात तीर्थयात्रियों की मौत से एक वर्ष में जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद संबंधित नागरिकों की मौत में 164 फीसदी वृद्धि
8 जुलाई, 2017 को हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी समूह के कमांडर बुरहान वानी की पुण्यतिथि पर श्रीनगर में बंद के दौरान साईकल चलाता एक नौजवान।
हाल ही में हुए अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए एक आतंकी हमले में सात लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही 30 जून, 2017 को खत्म हुए पिछले एक वर्ष में आतंकवाद से संबंधित मौतों में 45 फीसदी वृद्धि का आंकड़ा सामने आया है। यह जानकारी नई दिल्ली स्थित एक गैर लाभकारी संस्था ‘इन्स्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट’ द्वारा चलाए जाने वाले दक्षिण एशियाई आतंकवाद पोर्टल के आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आई है। हम बता दें कि इसी अवधि के दौरान नागरिक मौतों में 164 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कथित तौर पर अज्ञात आतंकवादियों ने 10 जुलाई को लगभग 8 बजे एक पुलिस वाहन पर गोलीबारी की। पुलिस के अनुसार जब उन्होंने जावाबी कार्यवाही की तो आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी। दोनों तरफ से चलने वाली गोलीबारी में अमरनाथ से लौटने वाली तीर्थयात्रीयों की एक बस शिकार बन गई। लेकिन दूसरे लोगों का कहना है कि यह दोनों तरफ से चलने वाली गोलीबारी नहीं थी, बल्कि तीर्थयात्री ही आतंकवादियों के निशाने पर थे। बाद की रिपोर्टों के अनुसार बस पर तीन मिनट में दो बार हमला किया गया था।
कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकवादी अबू इस्माइल को मास्टरमाइंड बताते हुए हमले के लिए आतंकवादी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (एलईटी) को दोषी ठहराया है। हालांकि, लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने आरोपों से इंकार कर दिया है और 15 वर्षों में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए सबसे खतरनाक हमले के लिए भारतीय एजेंसियों को कसूरवार ठहराया है।
Pained beyond words on the dastardly attack on peaceful Amarnath Yatris in J&K. The attack deserves strongest condemnation from everyone.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2017
अलगाववादियों सहित कश्मीर के निवासियों ने भी ने हमले के निंदा की है।
#Hurriyat activists join HR groups civil society members & students to condemn killings ofYatris & express solidarity withBereaved families pic.twitter.com/a5zPE2cdjg
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) July 11, 2017
कश्मीर में आतंकवादियों की व्यापक आलोचना पर भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त किया।
The people of Kashmir have strongly condemned the terror attack on Amarnath yatris. It shows the spirit of Kashmiriyat is very much alive.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 11, 2017
पिछले 18 वर्षों के दौरान, पांच हमलों में 52 तीर्थयात्रियों की मौत
पिछले 18 सालों में, पांच आतंकवादी हमलों में कम से कम 52 अमरनाथ तीर्थयात्री मारे गए हैं। 1 अगस्त, 2000 को एलटीई आतंकवादियों द्वारा सबसे घातक हमला किया गया था। उस हमले में पहलगाम में 21 तीर्थयात्री मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी हमलों में मारे गए तीर्थयात्री
Source: News Reports
हिजबुल मुजाहिद्दीन के नेता बुरहान वानी की पुण्यतिथि पर संभावित हमले की आशंका में प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कश्मीर घाटी में कर्फ्यू और सोशल मीडिया पर से प्रतिबंध हटाया गया था। इसके कुछ ही समय बाद आंतकियों ने हाल के इस घटना को अंजाम दिया।
एक साल पहले 8 जुलाई, 2016 को सुरक्षा बलों ने बुरहान वानी को मार गिराया था। इसके बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, कई महीने कर्फ्यू लगा रहा और सुरक्षा की स्थिति में कमी आई ।
एक साल में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मृत्यु दर
एसएटीपी द्वारा संकलित आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, वानी की मौत के बाद वर्ष में आतंकवादी हिंसा में मारे जाने वाले सुरक्षा कर्मियों की संख्या करीब दोगुनी हुई है। आंकड़े 51 से बढ़ कर 98 हुए हैं। एसएटीपी मीडिया रिपोर्टों से आतंकवाद के कारण हुई मौतों का डेटा संकलित करता है। यह आंकड़े अल्पकालीन हैं और 10 जुलाई, 2017 को संकलित किया गया है।
8 जुलाई, 2017 को, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने वानी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। शरीफ ने कहा, " वानी की मौत ने कश्मीर घाटी में आजादी के संघर्ष में एक नई भावना को जगाया है।"
First @ForeignOfficePk read frm banned LeT's script. Now Pak COAS glorfs Burhan Wani. Pak's terror suprt&spnsr'p need 2b condmnd by 1 & all
— Gopal Baglay (@MEAIndia) July 9, 2017
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण हुई मौत
Source:South Asia Terrorism Portal
वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2016-17 में नागरिकों, सुरक्षाकर्मियों और आतंकवादियों की मौत में 45 फीसदी वृद्धि हुई है। एक वर्ष में यह आंकड़े 216 से बढ़कर 313 हुए हैं। पिछले पांच वर्षों में यह साल-दर-साल की उच्चतम वृद्धि है।
जैसा कि हमने बताया नागरिकों की मौत में 164 फीसदी वृद्धि हुई है। आंकड़े वर्ष 2015-16 में 14 थे, बढ़ कर वर्ष 2016-17 में 37 हुए हैं। जबकि इसी अवधि के दौरान आंतकवादियों की मौत में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में आतंकवादी मौत के आंकड़े 178 हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए -2) के दूसरे कार्यकाल के आखिरी तीन साल की तुलना में मई 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार (बीजेपी) के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित मौतों में 42 फीसदी वृद्धि हुई है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 27 मई 2017 को विस्तार से बताया है।
भारत को सुरक्षा और राजनयिक मोर्चे दोनों पर आतंकवाद के खिलाफ सफलता मिली है।
27 मई, 2017 को, सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान में वानी के उत्तराधिकारी सबजर भट्ट को मार गिराया था।
27 जून 2017 को वाशिंगटन-डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मोदी की बैठक से पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को ‘विश्व आतंकवादी’ घोषित किया है।
सैयद सलाहुद्दीन भी संयुक्त जिहाद परिषद का नेतृत्व भी करता है, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे भारत-विरोधी आतंकवादी संगठनों के लिए सहायक संगठन है । यह संगठन पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर से बाहर काम करने के लिए जाना जाता है।
सैयद सलाहुद्दीन ने भारत में हुए हमलों की जिम्मेदारी खुले तौर पर ली है। इसमें 2 जनवरी, 2016 को पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जो आतंकवादी हमला हुआ था, वह भी शामिल है।
(सेठी स्वतंत्र लेखक और रक्षा विश्लेषक हैं। मुंबई में रहते हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 11 जुलाई 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
हम फीडबैक का स्वागत करते हैं। हमसे respond@indiaspend.org पर संपर्क किया जा सकता है। हम भाषा और व्याकरण के लिए प्रतिक्रियाओं को संपादित करने का अधिकार रखते हैं।
__________________________________________________________________
"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :