औपचारिक कृषि कर्ज में वृद्धि, फिर भी महाजनों की पकड़ मजबूत, आखिर क्यों?
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औपचारिक कृषि कर्ज में वृद्धि, फिर भी महाजनों की पकड़ मजबूत, आखिर क्यों?

वर्ष 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड के लिए, एक वर्ष में कृषि के लिए ऋण में 11 फीसदी की वृद्धि के बावजूद पिछले 11 वर्षों से 2013 तक...

आठ चुनावी वर्षों में, भारत का ग्रामीण ऋण, आपदा  और मौत का संकट
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आठ चुनावी वर्षों में, भारत का ग्रामीण ऋण, आपदा और मौत का संकट

मुंबई: 2015 में आत्महत्या करने वाले 8,007 भारतीय किसानों में से 10 में से चार कार्ज के बोझ में दबे हुए थे। 2014 में यह आंकड़ा 10 में से दो...