प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने - बिना देश का नाम लिए - आंतक समूहों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। 19 जुलाई, 2016 को संसद में सरकार द्वारा दिए एक जवाब के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 671 घुसपैठ की घटनाएं और 738 आतंकवादी हमले के मामले दर्ज हुए हैं।

जवाब में कहा गया है कि 2013 और 10 जुलाई, 2016 के बीच कम से कम 141 आतंकवादी और 64 आम नागरिक मारे गए हैं।

पिछले 28 वर्षों से 7 अगस्त 2016 तक, जम्मू कश्मीर में कम से कम 23,061 आतंकवादियों, 1,431 आम नागरिकों और 6,220 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। यह जानकारी दक्षिण एशिया टेररिज्म पोर्टल में सामने आई है।

तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ

Source: Lok Sabha; * 2016 figures till May.

तीन वर्षों में जम्मी-कश्मीर में आतंकी हमले

Source: Lok Sabha; * 2016 figures till July 10 2016.

12 अगस्त, 2016 को मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि पिछले 25 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आंकतवादियों से सुरक्षा बलों द्वारा 34,000 एके -47 राइफलें, 5000 ग्रेनेड लांचर, 90 प्रकाश मशीनगन, 12,000 रिवाल्वर, तीन टैंक रोधी बंदूकें, चार विमान भेदी तोपों, 350 मिसाइल लांचर और आरडीएक्स सहित 63,000 किलो विस्फोटक और 1,00,000 से अधिक ग्रेनेड ज़ब्त किए गए हैं।

मोदी ने कहा कि, “इस अवधि के दौरान 5,000 से अधिक विदेशी आतंकवादियों मारे गए हैं, जो 5 बटालियन की ताकत के बराबर है।”

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लागत के रुप में, पिछले 15 वर्षों के दौरान आतंकवाद पर पाकिस्तान का खर्च 118 बिलियन डॉलर हुआ है। यह जानकारी पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 में सामने आई है।

आतंकवाद से पाकिस्तान का आर्थिक नुकसान

Source: Pakistan Economic Survey 2015-16; *Estimated on the basis of 9 months actual data

12 अगस्त 2016 को मोदी ने कहा, “पाकिस्तान यह भूल जाता है कि लड़ाकू विमान का उपयोग कर वह अपने ही नागरिकों पर बम बरसाता है। अब समय आ गया है जब पाकिस्तान को बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों के खिलाफ किए गए अत्याचार का जवाब दुनिया को देना होगा।”

2012 से 2015 के बीच, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कम से कम 351 हिंसा के मामले दर्ज हुए हैं। यह जानकारी जिन्ना संस्थान, पाकिस्तान में एक सार्वजनिक नीति की संस्था, द्वारा की गई पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति रिपोर्ट 2016 में सामने आई है।

रिपोर्ट कहती है कि, “सिंध और बलूचिस्तान, विशेष रूप से, शिया समुदाय के सदस्यों के खिलाफ लगातार लक्षित हत्याएं और बम हमले हो रहे हैं। बलूचिस्तान में , सार्वजनिक स्थलों में और प्रेस में शिया विरोधी संदेशों को माफी के साथ जारी रखा हैं।”

मोदी के अनुसार, बलूचिस्तान में लोगों ने उनके साथ खड़े रहने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।

2015 में, बलूचिस्तान में 247 नागरिकों की हत्या हुई है जिसमें से 114 को आतंकवादी संगठनों से जुड़े रहने का ज़िम्मेदार बताया और 143 राज्य तंत्र का काम माना गया है। यह जानकारी दक्षिण एशिया टेररिज्म पोर्टल में दी गई है।

2004 के बाद से, 17 अप्रैल, 2016 तक, आतंकवादी संगठनों द्वारा कम से कम 922 आम नागरिकों की हत्याएं दर्ज की गई है। इसके अलावा, 463 लोगों के लापता होने की सूचना एवं 2015 में बलूचिस्तान में 157 विकृत शव पाए गए हैं।

(मल्लापुर इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 15 अगस्त 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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