नदी के प्रतिबंब: खिसकती रेत और तनाव से जूझती ज़िंदगियाँ
बाढ़, भूस्खलन, पर्यावरणीय दुर्दशा, प्रदूषण- यह सब ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से गायब होती जमीन, विस्थापित जीवन और बरबाद हो रही आजीविका की कहानी के साथ...
नदी के प्रतिबिंब: ब्रह्मपुत्र का झुलसा हुआ आकाश और रेत की अर्थव्यवस्था
क्या होता है जब गुवाहाटी जैसे शहर को रेत की अर्थव्यवस्था के दम पर विकसित होने के लिए छोड़ दिया जाता है?